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ना चाहो देखना तो भी

ना चाहूं देखना तो भी जमाना दिखता है।
 जिसे देखना चाहता हूं वह चेहरा नहीं दिखता है।
पागल दिल फूलों को फूलों में ढूंढता है।
इसे पता नहीं गुलाब कांटों में मिलता है।
अंगारों से ख्वाब लिए भटकता फिरता है।
और थोड़ी सी तकलीफ सह नहीं सकता है।
जो मन ख्वाहिशों के लिए तुम्हें भटका सकता है।
तु उस मन को अपने लिए क्यों नहीं समझा सकता है।

बाकी फिर कभी 😄😄

#chetanshrikrishna

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8 Comments

Suryansh

08-Sep-2022 11:16 PM

Outstanding

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लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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नंदिता राय

14-Jun-2022 06:41 PM

बेहतरीन

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